
Mar 29, 2015
भारत लुप्तप्राय प्रजातियों के संरक्षण के प्रयास के तहत प्रशिक्षण देने और यहां तक कि अपने देश के बाघ अन्य देशों को देने के लिए भी तैयार है… दुलापल्ली में वन अकादमी का दौरा करने के बाद केन्द्रीय पर्यावरण और वन राज्य मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं को बताया ‘‘बाघ संरक्षण पर हम लोगों के पास सबसे उन्नत मानक संचालन प्रक्रि या है. जो राष्ट्र बाघ संरक्षण करना चाहते हैं हम उन्हें क्षमता निर्माण करने की सुविधा और तकनीक भी दे सकते हैं… उन्होंने कहा, ‘‘तेरह अन्य देशों में काफी संख्या में बाघ हैं और इसके अलावा कुछ देशों के पास ऐसे वनाच्छादित क्षेत्र हैं जो बाघों की रिहाइश के लिए उपयुक्त हैं हम उन्हें प्रशिक्षण ,क्षमता निर्माण करने में मदद के अलावा उन्हें बाघ दे भी सकते हैं बशर्ते वे उनकी सही तरीके से देखभाल करें’’ उन्होंने कहा ‘‘हम लोग (ऐसे देशों से) बातचीत कर रहे हैं.’’ मंत्री ने कहा कि भारत बाघों की सुरक्षा और संरक्षण के लिहाज से सबसे सफल देश है. वि के कुल बाघों का 70 प्रतिशत भारत में है. यह संख्या और बढ़ रही है.’’ उन्होंने कहा कि तीन महीने पहले घोषित बाघों की गणना रिपोर्ट के मुताबिक, बाघों की कुल संख्या 2,226 है…
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि अब यह लगभग 2,400 हो गई है.’’ मंत्री ने कहा, ‘‘हम लोग ऐसे शावकों की विशेष देखभाल कर रहे हैं जिनकी मां नहीं है. हम नहीं चाहते कि किसी भी बाघ की असामयिक मौत हो.’’ प्रतिपूरक वनीकरण कोष प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण (सीएएमपीए) के बारे में पूछे जाने पर मंत्री ने कहा, ‘‘हम अब कानून में संशोधन कर रहे हैं ऐसे में सीएएमपीए कोष राज्यों को मुहैया कराया जाएगा और वे वास्तविक वनीकरण में इसका इस्तेमाल कर सकेंगे…
As posted in Samaylive.com
Recent Comments